क्या बोलते हैं क्या बोलते हैं पहाड़ क्या बोलते हैं सुन लो ना मेरे यार क्या बोलते हैं कुछ अलग लिखने चला हूँ मैं आज क्या बोलते हैं पहाड़ क्या बोलते हैं रचा जिसने इन्हे धरा पर उसे नित मेरा प्रणाम क्या बोलते हैं पहाड़ क्या बोलते हैं ऊँचा हुआ वो हिस्सा बरसों का वो किस्सा क्या बोलते हैं पहाड़ क्या बोलते हैं मन बस जाते हैं रह रहकर याद आत…
Read moreबस यादें दे गई जिंदगी जिंदगी ने खेल ऐसा खेला बस हार ही हार मिली ना शिकवा रहा अब किसी से ना गिला करने कोई मिला गलत ना समझना तुम मुझको मैंने भी बहुत प्यारा किया तुमको दांव बिछा कर ऐसा खेल,खेल गई अब उम्र भर अकेले रह गई जिंदगी झूठी हंसी का हुनर अब वो हमे भी खूब समझा गई जिंदगी मरहम की कसम मरहम न मिला उस दर्द से हमे मार गई जिंदगी जब अब …
Read moreअपने गाँव की ओर चलो चलें फिर अपने गाँव की ओर नहीं लगता,नहीं लगता,नहीं लगता मन अब इस ओर ....... चलो चलें हसीन वादियों में खुशगवार नजारों में पहाड़ पर बर्फ बिछी होगी चांदी ही चांदी हर तरफ बिखरी होगी ....... चलो चलें फिर अपने गाँव की ओर नहीं लगता मन अब इस ओर ....... चलो चलें रौनक जँहा लगी होगी मौसम अपने पुरे मिजाज में होगा जंहा कोई …
Read moreमेरे बगल में जब आप मेरे बगल में चलते हो तब सब चलता रहा है मेरा अपने आप ये करिश्मा था की आप थे साथ मेरे लेकर मेरा हात साथ अपने हातों में जब आप मेरे बगल में चलते हो अर्धनिद्रित अवस्था में भी तुम ना जाने कैसे मुझे देख मुस्कुरा जाती हो उस घड़ी का सदा इन्तजार रहता है मुझे जब थका मैं शाम तुम दरवाजा आ खुलती हो जब आप मेरे लिए दरवाजा खुलती हो मुझे…
Read moreहम तुम से मिले हम तुम से मिले जब कोई अपना था कोई देख लेना हमे ये डर लगा रहता था यूँ ही अकेले हम दोनों कई सपने हम संजोते थे ले हातों में हातों को कई मीलों तक चलते थे अब भी हैं वो हम में गुमसुम सा मासूम सा खोया खोया सा सोया सा हम में कंही चलो छूट ने से पहले ये वक्त गुजरने से पहले पकड़लो वही हाता मेरा फिर उसी रास्ते में निकलें हम तुम…
Read moreकिसने हमे याद किया किसने हमे याद किया कोई हमे क्यों भूल गया जिस ने चाह जैसे हमे वैसे ही उसने कबुल किया ऐसी कोई बात नहीं हम में तुम में कहीं पे छुपी जो ले ले हम से यूँ ही बिना पूछे ही कोई सही किसने सम्मान दिया किसने अवमान किया इन बातों में क्यों पड़ना हमे अकेले ही जब सफर कटना ना ऐसे तुम अपने से रूठो ना किसी पर ऐसे तुम बरसो क्यों छूट जा…
Read moreतुम्ही से प्यार है तुम्ही से प्यार है ... ३ कैसे कह दूँ ये दिल तुम्ही पे निसार है तुम्ही से प्यार है ... ३ तुम्ही से मेरी दुनिया तुम्ही मेरी दुनिया तुम्ही से शरू तुम्ही पे खत्म है तुम्ही से प्यार है ... ३ देखो कितना प्यार है ... ३ हम जानते नहीं तुम्ही से ही आंखें चार है तुम्ही से प्यार है ... ३ हम से प्यार करने लगोगे …
Read moreतुम्हारे साथ मुझे याद आती हो तुम बहोत याद आती हो तुम बस इतना ही काफी है मेरे अहसासों को जगाती हो तुम बस इतना ही काफी है कहाँ मैं ढूँढू कहाँ बता दे मैं तुझे ढूँढू कहाँ जब तू मुझ में ही कंही बाकी है बस इतना ही काफी है यूँ ही हरपल बन गुनगुनाती हो तुम मुझे यूँ ही पास बुलाती हो तुम बस इतना ही काफी है तेरे ही सपनों में खोना चाहूँ तेरे ही संग…
Read moreबाँध लो इतना बाँध लो इतना कोई खोल ना सके तोल लो इतना कोई मुंह खोल ना सके संध्या समय अस्त वाली सूर्य की सुनहरी किरणें कुछ मांगती नहीं अपने को समेटती है खुद को ढंकती नहीं आ जाता है अन्धेरा आने देती है वो उसे गुस्सा हो उसे डांटती नहीं भरोसा उसे अपने पर पल दो पल अन्धेरा है वो आया वो गुजर जाएगा सूरज की राहों में बैठी सजी रहती है वो अ…
Read moreहजारों कहानियां हम सोचते ही रह गये अँगड़ाइयाँ ली उसने और वो हजारों कहानियां कह गई मैं तन्हा खुद को सिमटा ना सका आते जाते वो मुझे सिमटा गई किस घड़ी कौन सी होगी रुत सुहानी पास बैठ वो मुझ से जतला गई मुझको मालुम एक पल भी मैं उस बिन जी ना सकूँगा उसको भी किसी और के लिए मेरे जैसी ही जज्बात है हलकी सी सर्द दर्द हवा जाड़ा भी ठीकठाक …
Read moreरात भर गिरता रहा अश्क बन उनके सिरहाने मैं रात भर मान जाती वो अगर उनको मनाता मैं रात भर खटखटाते रहे निरंतर द्वार ना खुला उसने रात भर मैं तो उनका हो चुका हूँ उनको शक रहा रात भर रात भी बैठी रही संग मेरे उनका इंतजार रहा रात भर नाकाम अधूरी ही रही वो कहानी मेरी रात भर चलो उनको सकून आया देख यूँ तड़पना मेरा रात भर मेर खाव्बों को यूँ जगा…
Read moreना किसी को तू आवाज दे ना किसी को तू आवाज दे ना किसी का तू अब साथ ले उड़ता रह नीले आसमान पर बस अपने शब्दों को परवाज दे यंहा कोई किसी का नहीं सब रिश्ते हैं बस नाम के अपना नाम बड़ा करने में यूँ फिजूल वक्त ना बर्बाद कर अकेला है ये सारा सफर अच्छा है जल्दी जितना जान ले मना ले अगर मनता है कोई नहीं तो उसको छोड़ उसके हाल पर है क्या तू इतना घम…
Read moreमंजिलों की तलाश में मंजिलों की तलाश में जब निकला था मै तेरे पास से तब कुछ न था मेरे हात में तब तू ही तू था मेरे साथ में न जमीन थी न वो आसमान था बाहर निकले ना समझ कदम बस सपनों का वो जहाँ था चलता रहा मीलों मै बस आस में भूखा-प्यासा में घूमा रहा था दर बदर बस उम्मीदों की तलाश में मुकाम बनाना चाहता था तारों सा चमकना चाहता था आंख…
Read moreबात बताऊं क्या तुम्हे बात बताऊं क्या तुम्हे मेरे मिटटी के गांव की सनी रहती थी धूल कभी हर वक्त मेरे पाँव में वो पीपल वो चूल्हा वो लकड़ी वो जंगल मंदिर घंटे सब बजते बस अब मन अंदर शाम सुहानी फिर गाने आयी अकेला देख मुझे बहलाने आयी सूरज किरणों को ले अब सिमटेगा मेरे पहाड़ के पीछे वो जब गुजरेगा चन्दा मामा देख अब आता होगा दीवानी रात को साथ …
Read moreबातें की थी बातें की थी उसने बहुत चुप रह कर मैंने भी सब सुनी वो बातें चुप रह कर वजह कुछ नहीं थी लफ्ज़ खमोश शब्दों में उखड़ी पड़ी थी बस हम से हमारी तन्हाई थी दस्तावेज़ दिखना फिजूल था विवरण तो बस नजरें बयाँ कर रही थी उस पर ही तो मेरा यकीन था तथ्य मेरा यही था पास मेरे अब खुला पड़ा हुआ वो नयन तेरे पढ़ लेना चुपके से बातें की ..…
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